त्तर प्रदेश में भाजपा ने दलित समुदाय को जोड़ने के लिए गतिविधियां तेज की,मंडल इकाइयों में देगी ज्यादा महत्व,

लखनऊ मई। भाजपा उप्र में पिछड़ा-दलित-अगड़ा के समीकरण को मजबूत करने के लिए पार्टी अपने मंडल स्तर की कमेटियों में दलितों व पिछड़ों को ज्यादा भागीदारी देने जा रही है। जातीय जनगणना की घोषणा के बाद भाजपा दलितों व पिछड़ों के बीच ज्यादा सक्रियता दिखा रही है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा नही हुई है। इस बीच प्रदेश में दलित सम्मेलनों के जरिये 22 प्रतिशत एससी एसटी आबादी में अपनी पैठ मजबूत करने में जुटी है। इन सम्मेलनों में केन्द्र सरकार के द्वारा डा. भीमराव अंबेडकर से जुड़े कार्यो के साथ केन्द्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दे रही है। पार्टी प्रदेश में दलित-पिछड़ा-अगड़ा के ‘पीडीए’ के जरिये मजबूत स्थिति हांसिल करने में जुटी है।
सम्मेलनों के जरिए पार्टी की मंडल इकाईयों के नये चेहरों की पहचान करने में जुटी है। पार्टी एससी एसटी को बता रही है कि भाजपा ने हमेशा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के आर्थिक, सामाजिक उत्थान तथा राजनैतिक भागीदारी सुनिश्चित किया है। यही कारण है कि देश के सर्वाेच्च पदों पर अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग का प्रतिनिधित्व मिला है। भाजपा ने अनुसूचित वर्ग के आरक्षण सहित बाबा साहेब डा. भीमराव आम्बेडकर द्वारा प्रदत्त सभी संवैधानिक अधिकारों को सदैव मजबूती दी है।
सम्मेलनों के जरिये भाजपा संगठन के 1918 ईकाइयों को मजबूत करने में जुटी है। एक ब्लाक में दो से तीन भाजपा की मंडल इकाई होती है। धर्मपाल सिंह ने कहा है कि मंडल कार्यसमिति के गठन में सभी जाति वर्गों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। प्रभावी मंडलों से ही मजबूत शक्ति केंद्रों का निर्माण होगा, जो मजबूत बूथों मजबूत करने के माध्यम बनेगें। सभी क्षमतावान कार्यकर्ताओं को मंडल कार्यसमिति में स्थान मिले यह सुनिश्चित किया जाएगा।
उप्र भाजपा एससी मोर्चा के प्रमुख राम चंद्र कन्नौजिया ने कहा कि दलित समुदाय पिछले कई सालों से काफी हद तक एक भ्रमित रहा है। पार्टी दलितों का हौसला बढ़ा रही है, बल्कि जाति-विभाजित हिंदू समुदाय के भीतर एकता का संदेश भी देने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि दलितों के बीच व्याप्त धारणा को खत्म करने की जरूरत है, ताकि एक एकजुट समाज का निर्माण किया जा सके, जैसा कि पार्टी की विचारधारा में माना जाता है।